Menu
blogid : 5617 postid : 203

दिशाहीन राजनीति

शब्दस्वर
शब्दस्वर
  • 85 Posts
  • 344 Comments

स्वार्थी नेताओँ की दिशाहीन राजनीति के कारण आज देश चौराहे पर खड़ा नजर आता है । सैँकड़ोँ वर्षोँ की भयंकर गुलामी के बाद हम स्वतन्त्र हुए हैँ । इसके लिए लाखोँ देशभक्तोँ ने अमानवीय यातनायेँ सहकर अपने जीवन का बलिदान दिया है । लेकिन वर्तमान मेँ हमारे देश की बागडोर जिन हाथोँ मेँ है उनका आचरण देशहित के बिल्कुल विपरीत है । आज जिस मनमोहन सिंह के नेतृत्व मेँ केन्द्र सरकार चल रही है उससे तो यही लगता है कि भारत की धरती पर अली बाबा चालीस चोर की नौटँकी चल रही है जिसे पूरा देश और विश्व देख रहा है । एक सरकार विहीनता की स्थिति का निर्माण हो रहा है । राष्ट्र का सम्मान और आम आदमी की खुशहाली केन्द्र की यूपीए सरकार के एजेण्डे से गायब है । कठपुतली प्रधानमंत्री को ढाल बनाकर सोनिया तथा राहुल की इच्छानुसार सत्ता स्वार्थ साधने का उपक्रम जारी है । खुदरा क्षेत्र मे एफ.डी.आई. को लागू करके छोटे व्यवसायोँ और कृषि का सर्वनाश किया जा रहा है । स्थिति इतनी भयानक है कि जो भी इसके विरुद्ध आवाज उठाता है उसे निर्ममता से कुचल दिया जाता है । सत्ता तथा सीबीआई का खुला दुरुपयोग बेरोकटोक जारी है । समय समय पर अदालतोँ की गंभीर टिप्पणियोँ का भी इन पर कोई असर नहीँ हो रहा है । अनेकोँ घोटालोँ के बाद कोयला घोटाले से यह जाहिर हो चुका है कि इस लूट की खुली छूट में सबको सब मालूम था और योजनाबद्ध ढंग से इसे अंजाम दिया गया था ।
अब गांधी परिवार के दामाद राबर्ट वाड्रा के कारनामेँ केजरीवाल तथा उनके साथियोँ ने जनता के सामने लाए हैँ जिनका बचाव करके काँग्रेस के नेताओँ ने अपनी असलियत बता दी है ।
इन सभी घटनाक्रमोँ के कारण देश की जनता का पूरी व्यवस्था से भरोसा ही उठता जा रहा है जो देशहित मेँ नहीँ है । इसका सबसे दुःखद पहलू यह है कि विपक्ष भी इसका विरोध प्रभावी तरीके से नहीँ कर पा रहा है । जहाँ जहाँ पर गैर कांग्रेसी सरकारें हैं वहां भी हालात अच्छे नहीँ हैँ । नैतिकता, चरित्र तथा पारदर्शिता से दूर सत्ता का गठजोड़ नये समीकरणोँ को जन्म दे रहा है । अन्ना के आन्दोलन के बिखरने के बाद केजरीवाल अकेले ही राजनैतिक विकल्प देने के लिए संघर्षरत है । अन्य क्षेत्रीय राजनैतिक दल अपना अपना राग अलग अलग अलापे हुए हैँ । रामदेव ने पूरे देश मेँ जागृति का वातावरण निर्माण किया लेकिन अपेक्षित परिणाम एक सीमा तक ही रहे ।
कुल मिलाकर देखेँ तो लगेगा कि देश मेँ यूपीए के भ्रष्ट शासन के विरूद्ध पूरा देश आक्रोशित है । लेकिन विपक्ष अलग अलग खेमोँ मेँ विभाजित है । इससे छोटे छोटे गुटोँ द्वारा भ्रष्ट यूपीए सरकार के विरूद्ध आवाज सीमित हो जाती है । इसीका लाभ उठाकर सोनिया पार्टी की नापाक सरकार का काम आसान हो रहा है । दलगत स्वार्थोँ मेँ विभाजित देश की राजनीति का सीधा लाभ उठाकर ही कांग्रेस अब तक राज करती आई है । पैसे से खरीदकर, सीबीआई का दुरुपयोग कर, आरक्षण, अल्पसंख्यक तुष्टीकरण, जातिगत विभाजन की राजनीति करके देश को हानि पँहुचाने का क्रम बदस्तूर जारी है । आज देश को एक कुशल, देशभक्त तथा दृढ़ इच्छाशक्ति वाले मजबूत राजनैतिक नेतृत्व की आवश्यकता है ।
देश मेँ भारतीय जनता पार्टी मुख्य विपक्षी दल है । लेकिन उसकी अपनी ही समस्याएँ दिनोँदिन बढ़ती जा रही है । उसे संगठन, विचारधारा और नीतिगत स्तर पर आत्मचिँतन और सुधारोँ की बहुत आवश्यकता है । आज देश के सामने बढ़ रही चुनौतियाँ स्वीकार कर जो मजबूती से आगे बढ़ेगा और जनता का उसे समर्थन मिलेगा तभी देश के हालात सुधरेंगें ।

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh