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आज पूछो आसमाँ से

शब्दस्वर
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एक गज़ल प्रस्तुत कर रहा हुँ…
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* आज पूछो आसमां से *
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आज पूछो आसमां से क्या सभी आजाद हैं,
देश में क्यों बन गये आतंक के हालात हैं।
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खून में जिनके भरा है नफरतोँ का ही जहर,
देश में फिर पल रहे क्योँ हर जगह जल्लाद हैं।
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वादियां जो महकती थी केसरी सौगात से,
दुश्मनोँ का खेल खूनी क्यों वहां जेहाद हैं।
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वस्त्र खादी के पहनकर लूटते हैं देश को,
भ्रष्ट हाथोँ में तिरंगे के घुटे जज़्बात हैं।
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देश के सैनिक हिफाजत के लिये तैयार हैं,
किन्तु सत्ता ही हमारी सुस्त औ बेहाल है।
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लूटते हैं देश का धन घर भरे जो जा रहे,
देश की पावन धरा पर बहुत भद्दे दाग हैं।
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-सुरेन्द्रपाल वैद्य।

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